वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान विभाग (Department of Scientific and Industrial Research - DSIR)
DSIR भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन एक प्रमुख विभाग है, जो औद्योगिक अनुसंधान और तकनीकी विकास को बढ़ावा देने के लिए कार्य करता है। इसका उद्देश्य देश में वैज्ञानिक अनुसंधान के औद्योगिक अनुप्रयोगों को प्रोत्साहित करना और उद्योगों को नवीनतम तकनीकों से लैस करना है।
मुख्य विशेषताएं एवं कार्यक्षेत्र:
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औद्योगिक अनुसंधान का समर्थन: DSIR उद्योगों में अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बढ़ावा देता है ताकि उत्पादों, प्रक्रियाओं और सेवाओं के क्षेत्र में नवाचार हो सके।
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प्रौद्योगिकी विकास एवं हस्तांतरण: विभाग नई तकनीकों को विकसित करके उनके व्यावसायीकरण और उद्योगों में हस्तांतरण को सुनिश्चित करता है।
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प्रमाणन एवं मान्यता: DSIR विभिन्न अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और उद्योगों को मान्यता, प्रमाणन और निरीक्षण प्रदान करता है, जैसे कि तकनीकी परिस्थिति प्रमाण पत्र (TEC) और Know-how प्रमाण पत्र।
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प्रोत्साहन योजनाएँ: विभाग अनुसंधानकर्ताओं, उद्योगों और संगठनों को वित्तीय सहायता, प्रोत्साहन और तकनीकी सहायता प्रदान करता है।
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CSIR के संचालन में भूमिका: DSIR सीएसआईआर जैसे अनुसंधान संस्थानों के प्रबंधन और वित्त पोषण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
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औद्योगिक नीति के अनुरूप: यह विभाग सरकार की औद्योगिक नीतियों के अंतर्गत वैज्ञानिक और तकनीकी संसाधन को औद्योगिक विकास में प्रभावी बनाने का कार्य करता है।
संक्षेप में, DSIR भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान का औद्योगिक क्षेत्र में व्यावहारिक उपयोग सुनिश्चित करने वाला विभाग है, जो नवाचारों को उद्योगों तक पहुँचाकर देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाता है और स्वदेशी तकनीकी विकास को प्रोत्साहित करता है। यह विभाग विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के डोमेन में अनुसंधान एवं नवाचार के औद्योगिक अनुप्रयोग का केंद्र है।