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सिविल सेवा परीक्षा का प्रारूप

परीक्षा की प्रकृति
बी.पी.एस.सी. द्वारा आयोजित इस प्रतियोगी परीक्षा में सामान्यत: क्रमवार तीन स्तर सम्मिलित हैं-
प्रारंभिक परीक्षा - वस्तुनिष्ठ प्रकृति 
मुख्य परीक्षा - वर्णनात्मक एवं वस्तुनिष्ठ प्रकृति 
साक्षात्कार - मौखिक

लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा का प्रारूप इस प्रकार है – 

परीक्षा

विषय

कुल अंक

परीक्षा की अवधि

प्रारंभिक

सामान्य अध्ययन  प्रश्नपत्र

150

2 घंटे की होगी

                                              

 

मुख्य

कोड     -  01      सामान्य हिंदी

100

3 घंटे की होगी

कोड - 02     सामान्य अध्ययन  (प्रश्नपत्र –I)

300

3 घंटे की होगी

कोड - 03    सामान्य अध्ययन  (प्रश्नपत्र –II)

300

3 घंटे की होगी

कोड - 38 निबंध 

300


3 घंटे की होगी

 वैकल्पिक पेपर (MCQ)     कोड - 04 - 37

 

100

 2 घंटे की होगी

साक्षात्कार

व्यक्तित्व परीक्षण

120

 

 नोट:

  • 68वीं BPSC की प्रारंभिक परीक्षा से गलत उत्तर के लिये निगेटिव मार्किंग (एक चौथाई - 1/4 या 0.25 अंक) का प्रावधान किया गया है।
  •  प्रारंभिक परीक्षा में प्राप्त किये गये अंकों को मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार के अंकों के साथ नहीं जोड़ा जाता है।
  • उम्मीदवारों को सामान्य हिंदी में कम से कम 30 अंको को प्राप्त करना होगा।
  •   सामान्य अध्ययन के प्रश्न हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में होंगे।
  • मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार के अंकों (900+120=1020) 
  •  उम्मीदवार का अंतिम चयन मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त किये गये अंकों के योग के आधार पर होता है। 
परीक्षा की प्रक्रिया     
प्रारम्भिक परीक्षा की प्रक्रिया:

  • प्रारंभिक परीक्षा एक ही दिन आयोग द्वारा निर्धारित राज्य के विभिन्न केंद्रों पर संपन्न होती है।
  • आयोग द्वारा आयोजित प्रारंभिक परीक्षा की प्रकृति वस्तुनिष्ठ होती है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक प्रश्न के लिये दिये गए पाँच संभावित विकल्पों (a, b, c, d और e) में से एक सही विकल्प का चयन करना होता है।
  • प्रश्न से संबंधित इस चयनित विकल्प को आयोग द्वारा दिये गए ओएमआर सीट में उसके सम्मुख दिये गए संबंधित गोले (सर्किल) में उचित स्थान पर काले या नीले बॉल पॉइंट पेन से भरना होता है।
  • वर्तमान में आयोग की इस प्रारंभिक परीक्षा में अन्य राज्यों से भिन्न केवल एक प्रश्न-पत्र सामान्य अध्ययन (वस्तुनिष्ठ) से प्रश्न पूछे जाते हैं, जिसमें प्रश्नों की कुल संख्या- 150 एवं अधिकतम अंक-150 निर्धारित है। इसका उत्तर अभ्यर्थियों को आयोग द्वारा निर्धारित दो घंटे की समय सीमा में देना होता है।
  • प्रश्नपत्र दो भाषाओं (हिन्दी एवं अंग्रेजी) में दिये गए होते है। प्रश्न की भाषा संबंधी किसी भी विवाद की स्थिति में अंग्रेजी भाषा में छपे प्रश्नों को वरीयता दी जाएगी।
  • प्रारंभिक परीक्षा की प्रकृति क्वालिफाइंग होती है। इसमें प्राप्त अंकों को मुख्य परीक्षा या साक्षात्कार के अंकों के साथ नहीं जोड़ा जाता है।
  • इस परीक्षा के आधार पर मुख्य परीक्षा के लिये चुने जाने वाले अभ्यर्थियों की संख्या कुल संसूचित रिक्तियों की दस गुना होगी (पूर्व में यह संख्या प्रारंभिक परीक्षा में उपस्थित कुल अभ्यर्थियों की संख्या का लगभग 10% होती थी)।
  • 68वीं BPSC की प्रारंभिक परीक्षा से गलत उत्तर के लिये निगेटिव मार्किंग (एक चौथाई - 1/4 या 0.25 अंक) का प्रावधान किया गया है।
मुख्य परीक्षा की प्रक्रिया: 

  • प्रारंभिक परीक्षा में सफल हुए अभ्यर्थियों के लिये मुख्य परीक्षा का आयोजन पटना में आयोग द्वारा निर्धारित विभिन्न केंद्रों पर किया जाता है।
  • मुख्य परीक्षा की प्रकृति वर्णनात्मक एवं वस्तुनिष्ठ होती है। इसमें प्रश्नों के उत्तर को आयोग द्वारा दी गई उत्तर-पुस्तिका में लिखना एवं वस्तुनिष्ठ प्रकार के प्रश्नों के उत्तर को OMR सीट में भरना होता है।
  • मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्र दो भागों (अनिवार्य एवं वैकल्पिक) में विभाजित हैं।
  • अनिवार्य विषयों में- सामान्य अध्ययन के प्रथम एवं द्वितीय प्रश्नपत्र तथा निबंध के प्रश्नपत्र शामिल हैं।
  • सामान्य हिन्दी के प्रश्नपत्र को क्वालिफाइंग प्रकृति का कर दिया गया है।
  • वैकल्पिक विषय में- अभ्यर्थी द्वारा विज्ञप्ति के दौरान उसमें दिये गए विषयों में से चयनित एक वैकल्पिक विषय शामिल है (पूर्व में दो वैकल्पिक विषयों का चयन करना होता था)। वर्तमान में वैकल्पिक विषय के प्रश्नपत्र को क्वालिफाइंग प्रकृति का कर दिया गया है।
  • मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषयों का स्टैंडर्ड लगभग वही होगा जो पटना विश्वविद्यालय के तीन वर्षीय ऑनर्स परीक्षा का है।
  • मुख्य परीक्षा में वैकल्पिक विषयों का एक बार किया गया चुनाव अंतिम होगा जो किसी भी दशा में बदला नहीं जाएगा।

निबंध

  • बी.पी.एस.सी. द्वारा 68वीं मुख्य परीक्षा से निबंध के प्रश्नत्र को पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है।
  • यह प्रश्नपत्र 300 अंको का होगा, इन अंको को मेधा सूची के निर्धारण में शामिल किया जाएगा।
  • इस प्रश्नपत्र के अंतर्गत 3 खंडो में (प्रत्येक में चार-चार निबंध के प्रश्न रहेगें) से प्रत्येक खंड से एक-एक निबंध अर्थात् कुल तीन निबंध लिखने होगें।
  • पहले और दूसरे खंड का निबंध यूपीएससी पैटर्न पर आधारित होगा जबकि तीसरे खंड का निबंध बिहार ओरिएंटेड विषय पर आधारित होगा।

साक्षात्कार की प्रक्रिया: 

  • साक्षात्कार के दौरान अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व का परीक्षण किया जाता है जिसमें आयोग के सदस्यों द्वारा आयोग में निर्धारित स्थान पर मौखिक प्रश्न पूछे जाते हैं। इसका उत्तर अभ्यर्थी को मौखिक रूप से देना होता है। यह प्रक्रिया अभ्यर्थियों की संख्या के अनुसार एक से अधिक दिनों तक चलती है।
  • मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त किये गए अंकों के योग के आधार पर अंतिम रूप से मेधा सूची (मेरिट लिस्ट) तैयार की जाती है।
  • आरक्षी सेवा तथा उत्पाद निरीक्षक के लिये एनसीसी प्रशिक्षण प्रमाण-पत्र प्राप्त अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में लाभ (वेटेज) दिया जाता है।
  • सम्पूर्ण साक्षात्कार समाप्त होने के  पश्चात् अन्तिम रूप से चयनित अभ्यर्थियों की सूची जारी की जाती है।

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