बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) द्वारा राजपत्रित पदों पर समय-समय पर प्रतियोगिता परीक्षाओं के माध्यम से राज्य प्रशासन के लिए सुयोग्य अधिकारी नियुक्त किए जाते हैं। यह प्रतियोगिता परीक्षा तीन चरणों प्रारंभिक , मुख्य , साक्षात्कार में आयोजित की जाती है। इस परीक्षा में लाखों अभ्यर्थी जो संबंधित राज्य एवं अन्य राज्यों से जुड़े होते हैं तथा इस परीक्षा में शामिल होते है। आयोग द्वारा दिए गए प्रतिष्ठित पदों तक पहुंचने का सौभाग्य प्राप्त करते हैं। जिनका सामान्य परिचय इस प्रकार है-
1.बिहार प्रशासनिक सेवा (उप समाहर्ता)
2. बिहार राज्य सेवा (आरक्षी उपाधीक्षक)
3. जिला समादेष्टा (गृह रक्षा वाहिनी संगठन )
4.बिहार वित्त सेवा (वाणिज्य कर पदाधिकारी)
5. बिहार शिक्षा सेवा
6. बिहार श्रम सेवा (श्रम अधीक्षक एवं नियोजन पदाधिकारी)
7. बिहार कारा सेवा (कारा अधीक्षक एवं प्रोबेशन पदाधिकारी बिहार)
8.सहकारिता सेवा वर्ग 2 अंतर्गत जिला आकेंक्षण पदाधिकारी एवं सहायक निबंधन
9. गन्ना पदाधिकारी
10.बिहार निबंधन सेवा (अवर निबंधक)
11. अवर निर्वाचन पदाधिकारी
12. उत्पादक निरीक्षक
13.जनसंपर्क पदाधिकारी
14.नगर कार्यपालक पदाधिकारी
15.मध् निषेध
नोट : - राज्य सरकार से सूचना प्राप्त होने पर अन्य कोई पर
प्रारंभिक परीक्षा:
- बिहार लोक सेवा परीक्षा का प्रथम चरण प्रारंभिक परीक्षा कहलाता है। इसकी प्रकृति पूरी तरह वस्तुनिष्ठ (बहुविकल्पीय) होती है, जिसके अंतर्गत प्रत्येक प्रश्न के लिये दिये गए पांच संभावित विकल्पों (a, b, c, d और e ) में से एक सही विकल्प का चयन करना होता है।
- प्रश्न से सम्बंधित आपके चयनित विकल्प को आयोग द्वारा दी गई ओएमआर सीट में प्रश्न के सम्मुख दिये गए संबंधित गोले (सर्किल) में उचित स्थान पर काले /नीले बॉल पॉइंट पेन से भरना होता है।
- बिहार लोक सेवा परीक्षा 150 अंकों की होती है।
- वर्तमान में प्रारंभिक परीक्षा में एक प्रश्नपत्र शामिल हैं।
- प्रश्नपत्रों में ‘निगेटिव मार्किंग की व्यवस्था लागू नहीं है। जिसके तहत सही उत्तर के बराबर अंक दिए जाते हैं।
- बिहार लोक सेवा परीक्षा का दूसरा चरण ‘मुख्य परीक्षा’ कहलाता है।
- प्रारंभिक परीक्षा का उद्देश्य सिर्फ इतना है कि सभी उम्मीदवारों में से कुछ गंभीर व योग्य उम्मीदवारों को चुन लिया जाए तथा वास्तविक परीक्षा उन चुने हुए उम्मीदवारों के बीच आयोजित कराई जाए।
- मुख्य परीक्षा कुल 1000 अंकों की है जिसमें 600 अंक सामान्य अध्ययन के लिये ,100 अंक हिंदी , 300 अंक एक वैकल्पिक विषय के लिये निर्धारित हैं।
- मुख्य परीक्षा में सामान्य हिंदी में 30 % लब्धांक (अंक ) प्राप्त करना अनिवार्य होगा किन्तु इन प्रश्नपत्रों के अंक योग्यता निर्धारण में नहीं जोड़े जाते हैं।
- मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्र अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों भाषाओं में साथ-साथ प्रकाशित किये जाते हैं, हालाँकि उम्मीदवारों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से किसी में भी उत्तर देने की छूट होती है (केवल साहित्य के विषयों में यह छूट है कि उम्मीदवार उसी भाषा की लिपि में उत्तर लिखे है, चाहे उसका माध्यम वह भाषा न हो)।
- गौरतलब है कि जहाँ प्रारंभिक परीक्षा पूरी तरह वस्तुनिष्ठ (Objective) होती है, वहीं मुख्य परीक्षा में अलग-अलग शब्द सीमा वाले वर्णनात्मक (Descriptive) या व्यक्तिनिष्ठ (Subjective) प्रश्न पूछे जाते हैं। इन प्रश्नों में विभिन्न विकल्पों में से उत्तर चुनना नहीं होता बल्कि अपने शब्दों में लिखना होता है। यही कारण है कि मुख्य परीक्षा में सफल होने के लिये अच्छी लेखन शैली बहुत महत्त्वपूर्ण मानी जाती है।
- बिहार लोक सेवा परीक्षा का अंतिम एवं महत्त्वपूर्ण चरण साक्षात्कार (Interview) कहलाता है।
- मुख्य परीक्षा मे चयनित अभ्यर्थियों को सामान्यत: आयोग के समक्ष साक्षात्कार के लिये उपस्थित होना होता है।
- इसमें न तो प्रारंभिक परीक्षा की तरह सही उत्तर के लिये विकल्प दिये जाते हैं और न ही मुख्य परीक्षा के कुछ प्रश्नपत्रों की तरह अपनी सुविधा से प्रश्नों के चयन की सुविधा होती है। हर प्रश्न का उत्तर देना अनिवार्य होता है और हर उत्तर पर आपसे प्रतिप्रश्न भी पूछे जा सकते हैं। यह परीक्षा आयोग के द्वारा आपकी प्रशासनिक क्षमता एवं निर्णय लेने की क्षमता पर आधारित होती है। सामान्य रूप से इसमें आयोग के द्वारा अभ्यर्थी से सम्बंधित जानकारी की अपेक्षा की जा सकती है।
- BPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में इंटरव्यू के लिये कुल 120 अंक निर्धारित किये गए हैं। मुख्य परीक्षा के अंकों (900 +120 अंक) की अंतिम चयन एवं पद निर्धारण में इन अंकों का विशेष योगदान होता है।
- इंटरव्यू के दौरान अभ्यर्थियों के व्यक्तित्व का परीक्षण किया जाता है, जिसमें आयोग में निर्धारित स्थान पर इंटरव्यू बोर्ड के सदस्यों द्वारा मौखिक प्रश्न पूछे जाते हैं, जिनका उत्तर अभ्यर्थी को मौखिक रूप से ही देना होता है।
- मुख्य परीक्षा एवं साक्षात्कार में प्राप्त किये गए अंकों के योग के आधार पर अंतिम रूप से मेधा सूची (मेरिट लिस्ट) तैयार की जाती है।