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 Mains Exam Strategy (मुख्य परीक्षा रणनीति)

सामान्य हिंदी का प्रश्नपत्र केवल क्वालिफाइंग ( 30 अंक प्राप्त करना अनिवार्य) होता है लेकिन  महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है, क्योंकि इसमें असफल होने वाले अभ्यर्थियों की शेष प्रश्नपत्र की उत्तर-पुस्तिका का मूल्यांकन  नहीं किया जाता है। 


सामान्य हिंदी में क्वालिफाइंग अंक प्राप्त करने के लिये हिंदी के व्याकरण (उपसर्ग, प्रत्यय, विलोम इत्यादि) की समझ, संक्षिप्त सार, अपठित गद्यांश इत्यादि की अच्छी जानकारी आवश्यक माना गया  है। इसके लिये हिंदी की पुस्तकें जैसे – वासुदेवनंदन  द्वारा लिखित पुस्तकों का अध्ययन करना लाभदायक सिध्द हो सकता है। 


सामान्य अध्ययन के प्रथम प्रश्नपत्र के पाठ्यक्रम में भारत का आधुनिक इतिहास और भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व का वर्तमान घटनाक्रम, सांख्यिकी विश्लेषण, आरेखन और चित्रण आदि  शामिल हैं। 


भारत का आधुनिक इतिहास और भारतीय संस्कृति तथा राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के वर्तमान घटनाक्रम का अध्ययन बिहार राज्य विशेष के सन्दर्भ में करना प्रासंगिक है। क्योंकि इनमें से  ज़्यादातर प्रश्न बिहार से सम्बंधित  होते हैं जैसे- 1857 के विद्रोह में बिहार की भूमिका ,चम्पारण सत्याग्रह, संथाल विद्रोह, मुंडा विद्रोह, भारत छोड़ो आन्दोलन आदि में बिहार की भूमिका से सम्बंधित प्रश्न पूछे जाते रहे हैं । 


राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व के वर्तमान घटनाक्रम के अध्ययन के लिये इस खंड से सम्बंधित प्रारंभिक परीक्षा के लिये अपनाई गई रणनीति का विस्तृत अध्ययन लाभदायक रहेगा। 


सांख्यिकीय विश्लेषण, आरेखन और चित्रण में विगत वषों में पूछे गए प्रश्नों का प्रतिदिन अभ्यास करना लाभदायक  सिद्ध रहेगा ।  इसके लिये NCERT  की पुस्तक की सहायता लिया जा  सकता  है।


सामान्य अध्ययन के द्वितीय प्रश्नपत्र के पाठ्यक्रम में भारतीय राजव्यवस्था, भारतीय अर्थव्यवस्था और भारत का भूगोल, भारत के विकास में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी की भूमिका और प्रभाव शामिल है। 


इस प्रश्नपत्र के भी सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का अध्ययन बिहार राज्य विशेष के सन्दर्भ में करना प्रासंगिक है,क्योंकि प्रश्न बिहार से सम्बंधित होते हैं। साथ ही तकनीक की उपयोगिता से सम्बंधित अनुप्रयोगात्मक प्रश्न भी पूछे जाते हैं। जैसे- भारत के सन्दर्भ में सुदूर संवेदी उपग्रह की उपयोगिता का आलोचनात्मक परीक्षण कीजिये। 

नवीन संशोधन के अनुसार, अब वैकल्पिक विषयों का पाठ्यक्रम पूर्व के प्रथम प्रश्नपत्र एवं द्वितीय प्रश्नपत्र को मिलाकर होगा। ऐसे में जहाँ समय प्रबंधन एक चुनौती बन कर उभरा है, वहीं इस मुख्य परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिये सम्पूर्ण पाठ्यक्रम की विस्तृत समझ आवश्यक है।   


मुख्य परीक्षा के वैकल्पिक विषयों की तैयारी के लिये सम्बंधित विषय के  पुस्तक  /नोट्स का अध्ययन करके बिन्दुवार नोट्स एवं प्रश्नों की सिनोप्सिस तैयार करना लाभदायक रहता है। इससे आप मुख्य परीक्षा के दौरान सम्पूर्ण पाठ्यक्रम का त्वरित अध्ययन कर सकते हैं। 


विदित है कि वर्णनात्मक प्रकृति वाले प्रश्नपत्रों के उत्तर को उत्तर-पुस्तिका में लिखना होता है, अत: ऐसे प्रश्नों के उत्तर लिखते समय लेखन शैली एवं तारतम्यता के साथ-साथ समय प्रबंधन पर विशेष ध्यान देना चाहिये। 


लेखन शैली एवं तारतम्यता का विकास निरंतर अभ्यास से आता है जिसके लिये विषय की व्यापक समझ अनिवार्य है।

निम्ननलिखित विषयों में से किसी एक विषय को मुख्य परीक्षा के लिए चयन करना होगा। 

मुख्य परीक्षा हेतु  ऐच्छिक विषय एवं कोड निम्नवत है -

क्रम संख्या 

विषय कोड

विषय 

1

04

 कृषि विज्ञान   

2

05

पशुपालन एवं पशु चिकित्सा विज्ञान

3

06

मानव  विज्ञान

4

07

वनस्पति विज्ञान

5

08

रसायन    विज्ञान

6

09

सिविल इंजीनियरिंग 

7

10

वाणिज्य तथा लेखा विधि    

8

11

अर्थशास्त्र  

9

12

विद्युत इंजीनियरिंग

10

13

भूगोल  

11

14

भू -विज्ञान   

12

15

इतिहास  

13

16

श्रम एवं समाज कल्याण

14

17

विधि 

15

18

प्रबंध 

16

19

गणित  

17

20

यांत्रिक इंजीनियरिंग

18

21

दर्शनशास्त्र  

19

22

भौतकी    

20

23

राजनीतिक विज्ञान तथा अंतरराष्ट्रीय संबंध

21

24

मनोविज्ञान             

22

25

लोक प्रशासन                   

23

26

समाजशास्त्र  

24

27

सांख्यिकी  

25

28

प्राणी विज्ञान    

26

29

हिंदी भाषा और साहित्य

27

30

अंग्रेजी भाषा और साहित्य

28

31

उर्दू भाषा और साहित्य

29

32

बांग्ला भाषा और साहित्य

30

33

संस्कृत भाषा और साहित्य

31

34

फारसी भाषा और साहित्य

32

35

अरबी भाषा और साहित्य

33

36

 पाली भाषा और साहित्य

34

37

मैथिली भाषा और साहित्य 

 


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