भारतीय राजनीति
राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय दल
प्रिलिम्स के लिये:
- भारत निर्वाचन आयोग, राष्ट्रीय और राज्य दलों की घोषणा, पंजीकृत-गैर-मान्यता प्राप्त दल, जनप्रतिनिधित्त्व अधिनियम 1951
मेन्स के लिये:
- राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय के रूप में मान्यता देने की प्रक्रिया
चर्चा में क्यों?
गुजरात चुनाव के परिणाम के बाद आम आदमी पार्टी भारत की 9वीं राष्ट्रीय पार्टी बना जिसने कुल वोट का लगभग 13% वोट प्राप्त किया।
सामान्य जानकारी
- प्रथम लोकसभा (1952)
- अगस्त 1947 में स्वतंत्र होने और 26 जनवरी 1950 को अपना संविधान लागू करने के बाद1952 में भारत का पहला आम चुनाव सम्पन्न हुआ।
- पहले आम चुनाव में कुल 53 राजनीतिक दलों ने हिस्सा लिया जिसमें 14 राष्ट्रीय और 39 क्षेत्रीय दल शामिल थे।
- 1952 के चुनाव में कांग्रेस ने 45 फीसदी वोट प्राप्त किए जब की कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (सीपीआई) को 16, सोशलिस्ट पार्टी को 12, किसान मजदूर प्रजा पार्टी को 9, पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) को 7 और अन्य को 44 सीटें , निर्दलीय उम्मीदवार 37 .
- भारत निर्वाचन आयोग एक स्वायत्त संवैधानिक प्राधिकरण है जो भारत में निर्वाचन प्रक्रियाओं के संचालन के लिए उत्तरदायी है।
- यह निकाय भारत में लोक सभा, राज्य सभा, राज्य विधान सभाओं और देश में राष्ट्रपति एवं उप-राष्ट्रपति के पदों के लिए निर्वाचनों का संचालन करता है।
- निर्वाचन आयोग संविधान के अनुच्छेद 324 और बाद में अधिनियमित लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्राधिकार के तहत कार्य करता है।
- भारत निर्वाचन आयोग (ECI) चुनाव के उद्देश्य से राजनीतिक दलों को पंजीकृत कर और उन्हें चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय या राज्य स्तरीय दलों के रूप में मान्यता प्रदान करता है जबकि अन्य दलों को केवल पंजीकृत-गैर-मान्यता प्राप्त दलों के रूप में घोषित किया जाता है।
- जनप्रतिनिधित्त्व अधिनियम 1951 के अनुसार पंजीकृत राजनीतिक दल समय के साथ 'राज्य दल' या ‘राष्ट्रीय दल’ के रूप में मान्यता प्राप्त कर सकते हैं।
- कोई दल 4 अलग अलग राज्यों में लोक सभा या विधान सभा चुनाव में कम से कम 6 % मत पाये हों और लोक सभा में कम से कम 4 सीटें हासिल की हों।
- किसी भी दल को कम से कम चार या उससे अधिक राज्यों में राज्यीय दल की मान्यता प्राप्त हो।
- दल को विधान सभा चुनाव में कम से कम कुल सीटों की 3% सीटें या 3 सीटें जीतनी होंगी।
- दल को राज्य में निर्धारित लोक सभा सीटों में प्रत्येक 25 सीटों पर एक या कम से कम एक या उसके अंश पर जो राज्य में निर्धारित हो।
- दल को लोक सभा /विधान सभा के चुनाव में वैध मतों का कम से कम 6% मत प्राप्त हों ,तथा लोक सभा में कम से कम एक सीट और विधान सभा में 2 सीटों पर विजय प्राप्त की हो।
- यदि दल ने लोक सभा और विधान सभा में कोई सीट न जीती हो लेकिन यदि उसने लोक सभा /विधान सभा चुनाव में वैध मतों के 8% मत हासिल किये हों।
- आयोग द्वारा दलों को प्रदान मान्यता विशेषाधिकारों के अधिकार का निर्धारण करती है, जैसे चुनाव चिह्न का आवंटन, राज्य नियंत्रण, टेलीविजन और रेडियो स्टेशनों पर राजनीतिक प्रसारण हेतु समय का उपबंध एवं निर्वाचन सूचियों को प्राप्त करने की सुविधा।
- इन दलों को चुनाव के समय 40 "स्टार प्रचारक" (पंजीकृत-गैर-मान्यता प्राप्त दलों को 20 "स्टार प्रचारक" रखने की अनुमति है) रखने की अनुमति ।
- प्रत्येक राष्ट्रीय दल को एक चुनाव चिह्न प्रदान किया जाता है जो पूरे देश में विशिष्टतः उसी के लिये ( उन राज्यों में भी जहाँ वह चुनाव नहीं लड़ रही) आरक्षित होता है।
