तेजस मार्क 1A फाइटर जेट्सपरिचय और नवीनतम विकास
तेजस मार्क 1A भारत का स्वदेशी हल्का लड़ाकू विमान (LCA) है, जो मूल तेजस का उन्नत संस्करण है। हाल ही में अगस्त 2025 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ₹62,000 करोड़ की लागत से 97 तेजस मार्क 1A विमानों की खरीद को मंजूरी दी है।
बड़ा ऑर्डर और भविष्य की योजना
यह तेजस मार्क 1A का दूसरा बड़ा ऑर्डर है। इससे पहले सरकार ने ₹48,000 करोड़ की लागत से 83 तेजस मार्क 1A विमानों का ऑर्डर दिया था। नए ऑर्डर के साथ भारतीय वायुसेना के पास कुल 180 तेजस मार्क 1A विमान होंगे।
तकनीकी विशेषताएं
भौतिक आयाम
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लंबाई: 13.2 मीटर
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चौड़ाई: 8.2 मीटर
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ऊंचाई: 4.4 मीटर
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अधिकतम टेकऑफ वजन: 13,300-13,500 किलोग्राम
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पेलोड क्षमता: 4,000 किलोग्राम तक
प्रदर्शन क्षमताएं
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अधिकतम गति: मैक 1.6 से 1.8 (2205 किमी/घंटा)
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सेवा छत: 52,000 फीट की ऊंचाई तक
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रेंज: एक बार टेकऑफ के बाद 3,000 किलोमीटर की दूरी तक उड़ान
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हवा में ईंधन भरने की क्षमता: इससे इसकी परिचालन क्षमता काफी बढ़ जाती है
मार्क 1A की उन्नत विशेषताएं
तकनीकी सुधार
तेजस मार्क 1A में पहले के 40 तेजस विमानों की तुलना में अधिक उन्नत सुविधाएं हैं:
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बेहतर एवियोनिक्स (इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम)
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एडवांस्ड रडार सिस्टम
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65% से अधिक स्वदेशी घटक
आधुनिक तकनीकी सुविधाएं
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डिजिटल फ्लाई बाय वायर फ्लाइट कंट्रोल कंप्यूटर (DFCC): पायलट के अनुसार विमान को संतुलित रखता है
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एक्टिव इलेक्ट्रॉनिकली स्केन्ड एरे (AESA) रडार: इजराइली एल्टा रडार
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इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट: स्थानीय रूप से निर्मित
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स्टील्थ क्षमताएं: राडार से बचने की तकनीक
हथियार प्रणाली और युद्ध क्षमता
हार्ड पॉइंट्स और आयुध
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कुल 9 हार्ड पॉइंट्स हथियार लगाने के लिए
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23 मिलीमीटर की ट्विन-बैरल कैनन
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हवा से हवा और हवा से जमीन पर मिसाइल दागने की क्षमता
मिसाइल क्षमताएं
हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलें:
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अस्त्र (स्वदेशी बियॉन्ड विजुअल रेंज मिसाइल)
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डर्बी, पाइथन-5, आर-73, असराम, मेटियोर
हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें:
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ब्रह्मोस-एनजी और ब्रह्मोस-एंटी शिप मिसाइल
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लेजर गाइडेड बम, ग्लाइड बम, क्लस्टर वेपन
इंजन और प्रोडक्शन चुनौतियां
इंजन विकास में देरी
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अमेरिकी कंपनी GE का F404-IN20 इंजन का उपयोग
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मार्च 2024 में डिलीवरी होनी थी, लेकिन इंजन की देरी के कारण एक साल की देरी
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HAL ने अगस्त 2021 में 83 तेजस मार्क 1A के लिए 99 इंजनों का समझौता किया था
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इंजन की पहली यूनिट की सप्लाई मार्च 2025 में शुरू होने की उम्मीद
परीक्षण और विकास
सफल परीक्षण
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मार्च 2024 में बेंगलुरु के HAL फैसिलिटी में पहली सफल उड़ान
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पहली उड़ान में 18 मिनट तक हवा में रहा
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जनवरी 2025 में महत्वपूर्ण ट्रायल शुरू होने वाले हैं
आगामी परीक्षण
आने वाले परीक्षणों में शामिल होगा:
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स्वदेशी अस्त्र बियॉन्ड-विजुअल-रेंज मिसाइल का परीक्षण
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इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट का परीक्षण
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इजराइली एल्टा रडार का परीक्षण
रणनीतिक महत्व
मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भरता
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यह मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत की नीति को बढ़ावा देता है
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हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा निर्मित
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भारत को विदेशी लड़ाकू विमानों पर निर्भरता कम करने में मदद
MiG-21 का प्रतिस्थापन
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चरणबद्ध तरीके से हटाए जा रहे MiG-21 बेड़े की जगह लेंगे
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वर्तमान में दो वायुसेना स्क्वाड्रन तेजस विमानों का संचालन कर रहे हैं
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आने वाले वर्षों में यह वायुसेना का सबसे बड़ा लड़ाकू बेड़ा बन सकता है
अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा
चीन के मुकाबले में
तेजस मार्क 1A को चीन के छठी पीढ़ी के व्हाइट इंपरर फाइटर जेट का मुकाबला करने के लिए तैयार किया जा रहा है। चीन के इस स्टील्थ एयरक्राफ्ट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और हाइपरसोनिक मिसाइल की क्षमता है।
वैश्विक स्थिति
सुपरसोनिक श्रेणी में स्थान
तेजस सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों की कैटेगरी में सबसे छोटा और हल्का विमान है। इसकी हल्की संरचना इसे काफी कारगर लड़ाकू विमान बनाती है।
सुरक्षा रिकॉर्ड
तेजस का त्रुटिहीन उड़ान सुरक्षा रिकॉर्ड महत्वपूर्ण है। 20 साल पहले अपनी पहली उड़ान के बाद से तेजस के उड़ान रिकॉर्ड में कोई दुर्घटना नहीं हुई है।
भविष्य की संभावनाएं
निरंतर सुधार
वर्तमान में मिसाइल अप्रोच वार्निंग सिस्टम (MAWS) की कमी है, जो मिसाइल हमले की चेतावनी देता है। DRDO और अन्य कंपनियों के साथ इस सिस्टम पर काम चल रहा है और भविष्य में इसे शामिल किया जा सकता है।
तेजस मार्क 1A भारतीय वायुसेना के आधुनिकीकरण में एक गेम-चेंजर साबित हो सकता है। यह न केवल भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत बनाता है, बल्कि देश की तकनीकी स्वतंत्रता और आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।