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भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR)

 भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) 

 परिचय

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (Indian Council of Medical Research – ICMR) भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन कार्यरत सर्वोच्च जैवचिकित्सा अनुसंधान संस्था है। इसकी स्थापना 1911 में की गई थी। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

मुख्य उद्देश्य और कार्य

  • राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राथमिकताओं का अनुसंधान: ICMR का मुख्य काम संक्रामक रोग (जैसे टीबी, कुष्ठ, मलेरिया, एड्स), गैर-संक्रामक रोग (कैंसर, डायबिटीज़, दिल की बीमारियाँ), पोषण, महिला-शिशु स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं व्यावसायिक स्वास्थ्य, व अन्य स्वास्थ्य समस्याओं पर अनुसंधान को प्रोत्साहित करना और दिशा देना है।

  • नीति निर्माण: स्वास्थ्य से जुड़ी राष्ट्रीय नीतियों, दिशानिर्देशों एवं रणनीतियों को वैज्ञानिक आधार और समर्थन देना।

  • वैक्सीन, निदान व उपचार: नई वैक्सीन, आधुनिक डायग्नोस्टिक टूल्स, और उपचार पद्धतियों का विकास।

  • रोग निगरानी: देशव्यापी रोग निगरानी नेटवर्क बनाना और सशक्त करना।

  • राष्ट्रीय आपात स्थिति में योगदान: कोविड-19, जीका, निपाह, डेंगू जैसी महामारी/संकट के समय जांच, निदान, नीति निर्माण और शोध में केंद्रीय भूमिका निभाना।

संरचना एवं नेटवर्क

  • राष्ट्रीय संस्थान: ICMR के 26 राष्ट्रीय संस्थान हैं, जो पूरे भारत में विशेष बीमारियों या अनुसंधान क्षेत्रों (टीबी, कैंसर, पोषण, विषविज्ञान, जीवविज्ञान, मानसिक स्वास्थ्य, आदि) पर केंद्रित हैं। उदाहरण:

    • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (पुणे)

    • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नुट्रिशन (हैदराबाद)

    • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (चेन्नई)

    • नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मलेरिया रिसर्च (दिल्ली) आदि।

  • क्षेत्रीय चिकित्सा अनुसंधान केंद्र (Regional Medical Research Centres): भारत के विभिन्न क्षेत्रों की जटिल एवं विशेष स्वास्थ्य समस्याओं पर शोध।

प्रमुख उपलब्धियाँ

  • महामारी नियंत्रण: पोलियो, चेचक, गिनी-वर्म रोग समेत कई गंभीर बीमारियों के उन्मूलन में महत्वपूर्ण शोध सहयोग।

  • वैक्सीन विकास: भारत की स्वदेशी कोविड-19 वैक्सीन (कोवैक्सिन) के अनुसंधान और विकास में N.I.V पुणे समेत ICMR की महती भूमिका।

  • अभिनव योजनाएँ: “फर्स्ट इन द वर्ल्ड चैलेंज” जैसी योजना के तहत अत्याधुनिक हेल्थ टेक्नोलॉजी व नवाचारों को बढ़ावा।

  • भूमिका: रोग नियंत्रण, नीतिगत सलाह, विज्ञान-सम्बंधित शोध नेटवर्क, आधुनिक शोध प्रयोगशाला नेटवर्क तैयार करना।

प्रशासनिक संरचना

  • मूल संचालक: स्वायत्त संस्था, जिसका संचालन माननीय स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में होता है।

  • वित्त पोषण एवं नियमन: सरकार द्वारा सीधे वित्त पोषित, अनुसंधान अनुदान, फेलोशिप, और बहुकेंद्रित राष्ट्रीय परियोजनाएँ।

  • शोध अवसंरचना: देशव्यापी प्रयोगशालाएँ, प्रशिक्षण कार्यक्रम, अनुसंधान अनुदान प्रणाली।

नवीन गतिविधियाँ (2025)

  • आधुनिक चिकित्सा उपकरण, डेटा एनालिटिक्स, महामारी अन्वेषण नेटवर्क, उन्नत अनुसंधान संस्थान नेटवर्क की स्थापना।

  • नए वैक्सीन एवं डायग्नोस्टिक उपकरण, मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य, कुपोषण, पर्यावरणीय स्वास्थ्य आदि में अग्रणी अनुसंधान।

  • प्रतिभाओं को खोजने और प्रोत्साहित करने के लिए कई स्कीमें, जैसे ‘फर्स्ट इन द वर्ल्ड चैलेंज’, ई-पीएमएस प्रणाली द्वारा शोध प्रस्तावों का समन्वय।

निष्कर्ष

ICMR भारत का अग्रणी जैवचिकित्सा अनुसंधान संगठन है, जिसने सार्वजनिक स्वास्थ्य, चिकित्सा नवाचार, महामारी नियंत्रण, नीतिगत शोध, प्रशिक्षण और स्वास्थ्य सेवाओं के वैज्ञानिक सुदृढ़ीकरण में अमूल्य योगदान दिया है। इसकी उपलब्धियाँ भारत को स्वास्थ्य अनुसंधान वैश्विक रंगमंच पर स्थापित करती हैं।

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