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वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)

 वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR)

परिचय:
वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (Council of Scientific and Industrial Research - CSIR) भारत का सबसे बड़ा सार्वजनिक अनुसंधान एवं विकास (R&D) संगठन है। इसकी स्थापना 1942 में की गई थी। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन, लेकिन एक स्वायत्त संस्था के रूप में कार्यरत है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। भारत के प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष होते हैं।

संरचना:

  • मुख्य संरचना: अध्यक्ष – प्रधानमंत्री, उपाध्यक्ष – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री, शासी निकाय का नेतृत्व – महानिदेशक (Director General) करते हैं।

  • आशय: वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान को बढ़ावा देना, नई तकनीकों एवं नवाचारों का विकास, राष्ट्रीय महत्व की समस्याओं का समाधान।

प्रमुख कार्यक्षेत्र:

  • एयरोस्पेस, स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग, ओशियन विज्ञान, रसायन, फार्मा, सूचना प्रौद्योगिकी, जैव प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, खाद्य तकनीक, ऊर्जा, कृषि जैसे अनेक क्षेत्रों में अनुसंधान।

  • सामाजिक एवं औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुसार विशिष्ट वैज्ञानिक-औद्योगिक समाधान, जैसे “अमिट स्याही” (मतदान हेतु), औद्योगिक प्रक्रियाओं, नई दवाओं, स्वास्थ्य समाधान आदि।

संस्थान/प्रयोगशालाएँ:

  • देशभर में CSIR की 37 राष्ट्रीय प्रयोगशालाएँ, 39 आउटरीच सेंटर, 3 नवाचार केंद्र और 5 यूनिट्स कार्यरत हैं।

    • उदाहरण: केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (CBRI), रूड़की; सेंट्रल ड्रग रिसर्च इंस्टीट्यूट (CDRI), लखनऊ; सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CCMB), हैदराबाद; सेंट्रल इलेक्ट्रोकेमिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (CECRI), करैकुडी इत्यादि।

  • वैज्ञानिक, तकनीकी एवं सहायक कर्मचारी मिलाकर 14,000+ कार्मिक इसमें कार्यरत हैं, जिसमें लगभग 4,600 वैज्ञानिक शामिल हैं।

मानव संसाधन विकास:

  • CSIR द्वारा फैलोशिप, रिसर्च ग्रांट्स, कौशल विकास कार्यक्रमों के माध्यम से हर वर्ष हजारों युवा वैज्ञानिकों को ट्रेनिंग दी जाती है। वैज्ञानिक और तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में यह अग्रणी भूमिका निभाता है।

सम्मान/उपलब्धियाँ एवं प्रमुख पुरस्कार:

  • शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार – CSIR के संस्थापक निदेशक डॉ. शांति स्वरूप भटनागर के नाम पर, भारतीय विज्ञान के सर्वोच्च पुरस्कारों में गिना जाता है।

  • सैकड़ों पेटेंट और तकनीकी उपलब्धियाँ, कई अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार व मान्यताएँ।

दृष्टि/विजन:

  • “सीएसआईआर@2030” के तहत आत्मनिर्भर भारत के लिए टिकाऊ समाधान, वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी अनुसंधान और नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार हेतु सतत कार्य।

निष्कर्ष:
CSIR भारत का विज्ञान एवं तकनीकी नवाचार के क्षेत्र में रीढ़ की हड्डी है। इसका देशव्यापी नेटवर्क, बहु-विषयी अनुसंधान, उद्योगों और सामाजिक चुनौतियों के लिए समाधान, तथा वैज्ञानिक मानव संसाधन निर्माण—इन सभी पहलुओं से यह भारत की प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

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