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शासन व्यवस्था(Calling Name Presentation- CNAP)

 शासन व्यवस्था



(Calling Name Presentation- CNAP)

   प्रिलिम्स के लिये:                                       

कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन, भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण

   मेन्स के लिये:                                               

कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन का महत्त्व और संबद्ध चुनौतियाँ

चर्चा में क्यों ?

भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (Telecom Regulatory Authority of India- TRAI) के द्वारा  दूरसंचार नेटवर्क में “कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन (Calling Name Presentation- CNAP) ” पर एक परामर्श पत्र जारी किया है।

कॉलिंग नेम प्रेजेंटेशन:

  • यह सुविधा दूरसंचार नेटवर्क में कॉल करने वाले का नाम दर्शाने की व्यवस्था ('ट्रूकॉलर'/Truecaller और 'भारत कॉलर आईडी और एंटी-स्पैम' के समान) के बारे में जानकारी प्रदान करेगी।
  • इसके पीछे विचार यह सुनिश्चित करना है कि टेलीफोन ग्राहक को आने वाली कॉलों के बारे सही में जानकारी उपलब्ध हो ताकि वे अज्ञात या स्पैम कॉलर्स के परेशानी से बच सके।
भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (The Telecom Regulatory Authority of India -TRAI )

  • भारत में दूरसंचार पर नियंत्रण हेतु एक स्वायत्त नियामक प्राधिकरण है।
  •  इसका गठन 1997  में भारत सरकार द्वारा किया गया था।
  •  इसकी स्थापना भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण अधिनियम 1997 , एवं बाद में इसी अधिनियम के 2000 संशोधन के द्वारा यथासंशोधित कर की गई थी, जिसका मिशन भारत में दूरसंचार संबंधित व्यापार को नियमित करना था। 
  • भारत का दूरसंचार नेटवर्क एशिया की उभरती अर्थ व्‍यवस्‍थाओं में दूसरा सबसे और विश्‍व का तीसरा सबसे बड़ा नेटवर्क है।प्राधिकरण का लक्ष्य भारत में दूरसंचार के विकास के लिए ऐसी रीति तथा ऐसी गति से परिस्थितियां सृजित करना तथा उन्हें संपोषित करना है, जो भारत को उभरते हुए वैश्विक समाज में एक अग्रणी भूमिका निभाने में समर्थ बना सके।
  • प्राधिकरण का उद्देश्य है एक ऐसा उचित और पारदर्शी परिवेश उपलब्ध कराना, जो समान अवसरों के लिए प्रोत्साहित करें। 
  • इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है।

कानून 

  • दूरसंचार विभाग (डीओटी) ने 21.03.2022 के एक संदर्भ के माध्यम से प्राधिकरण द्वारा ट्राई अधिनियम, 1997 (संशोधित) की धारा 11(1)(अ) के तहत भारतीय दूरसंचार नेटवर्क में कॉल करने वाले व्यक्ति के नाम (सीएनएपी) का परिचय सुविधा शुरू करने पर अपनी सिफारिशें देने का अनुरोध किया था।

उद्देश्य:   

  • वर्तमान  समय में  कॉल प्राप्तकर्त्ता के हैंडसेट पर कॉल करने वाले का नंबर रूप में जानकारी प्रस्तुत करती हैं।
  • हालांकि ग्राहकों को कॉल करने वाले का नाम और पहचान नहीं स्पष्ट हो पाती है, यह मानते हुए कि यह अपंजीकृत टेलीमार्केटर्स द्वारा अवांछित और व्यावसाय संबंधी कॉल हो सकता है, ग्राहक कभी-कभी उनका जवाब नहीं देने का विकल्प चुनते हैं। इससे वास्तविक/जरुरी कॉल भी अनुत्तरित हो सकती हैं।
  • ट्रूकॉलर/Truecaller की 'ग्लोबल स्पैम और स्कैम रिपोर्ट, 2021' से पता चला है कि भारत में प्रत्येक महीने प्रति उपयोगकर्ता स्पैम कॉल की औसत संख्या 16.8 , जबकि  अक्तूबर 2022 में  उपयोगकर्त्ताओं द्वारा प्राप्त कुल स्पैम कॉल्स की संख्या 3.8 बिलियन से अधिकहो गई । 

चुनौतियाँ:  

विलंबता: 

  • ऐसे में कॉल करने में लगने वाले समय में वृद्धि होने की संभावना ।
  • तेज़ वायरलेस नेटवर्क (4G या 5G) से तुलनात्मक रूप से धीमे (2G या 3G) नेटवर्क पर स्विच करने पर कॉल आने या जाने संबधी लगने वाला समय प्रभावित होना। 

गोपनीयता:

  • यह  स्पष्ट नहीं है कि CNAP तंत्र कॉलर के गोपनीयता के अधिकार को कैसे संतुलित करेगा, जो निजता के अधिकार का एक अनिवार्य घटक है। 
  • इस परिप्रेक्ष्य में एक व्यक्ति कई कारणों से गुमनाम रहने का विकल्प चुन सकता है, 

Note - यह आदर्श होगा कि डेटा को होस्ट और साझा करने के लिये किसी तीसरे पक्ष द्वारा संचालित केंद्रीकृत डेटाबेस को पूछने के बजाय एक ढाँचा विकसित किया जाए।

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