पीएम-दक्ष योजना

चर्चा में क्यों?
सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय ने लोकसभा को सूचित किया कि वर्ष 2020-21 तथा वर्ष 2021-22 के दौरान पीएम-दक्ष (प्रधानमंत्री दक्ष और कुशल संपन्न हितग्राही) योजना के तहत क्रमशः 44.79 करोड़ एवं 79.48 करोड़ रुपए की धनराशि निर्धारित की गई है।
- पूर्व में मंत्रालय ने लक्षित समूहों- अनुसूचित जाति (SC), अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग (EBC), विमुक्त जनजातियाँ, सफाई कर्मचारियों के लिये कौशल विकास योजनाओं को सुलभ बनाने हेतु 'पीएम-दक्ष' पोर्टल और 'पीएम-दक्ष' मोबाइल एप लॉन्च किया था।
प्रमुख बिंदु
परिचय
- पीएम-दक्ष योजना वर्ष 2020-21 से लागू की गई।
- इसके तहत पात्र लक्ष्य समूहों को कौशल विकास पर अल्पावधि प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान किया जाता है; अप-स्किलिंग/रिस्किलिंग; उद्यमिता विकास कार्यक्रम और दीर्घकालिक प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- ये प्रशिक्षण कार्यक्रम सरकारी प्रशिक्षण संस्थानों, कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय द्वारा गठित क्षेत्र कौशल परिषदों एवं अन्य विश्वसनीय संस्थानों के माध्यम से कार्यान्वित किये जा रहे हैं।
अर्हता:
- अनुसूचित जाति के नागरिक
- पिछड़े वर्ग के नागरिक
- आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नागरिक
- डिनोटिफाइड, नोमेडिक एवं semi-nomadic
- सफाई कर्मचारी
- अन्य समान श्रेणियों के हाशिये पर रहने वाले व्यक्ति।
कार्यान्वयन:
- कार्य मंत्रालय के तहत तीन निगमों द्वारा कार्यान्वित
- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति वित्त और विकास निगम (NSFDC),
- राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग वित्त एवं विकास निगम ((NBCFDC),
- राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी वित्त और विकास निगम (NSKFDC)
दक्ष योजना के अंतर्गत ट्रेनिंग प्रोग्राम
- अपैरल सेक्टर
- पेट्रोकेमिकल सेक्टर
- सीएनसी मिलिंग प्रोग्रामिंग एंड ऑपरेशन
- इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर
- ऑटोमोबाइल सेक्टर
- ब्यूटी एवं वैलनेस सेक्टर
- हेल्थ सेक्टर
- फिक्सचर एवं फिटिंग सेक्टर
- लॉजिस्टिक्स सेक्टर
लक्षित समूहों के कौशल विकास प्रशिक्षण :
- 5 वर्ष के दौरान लगभग 2,71,000 लोगों को कौशल प्रदान करने के लक्ष्य
- वर्ष 2021-22 के दौरान इन तीनों निगमों के माध्यम से लक्षित समूहों के लगभग 50,000 लोगों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
योजना का महत्त्व:
- न्यूनतम आर्थिक संपत्ति:
- लक्षित समूहों के अधिकांश व्यक्तियों के पास न्यूनतम आर्थिक संपत्ति है, इसलिये, हाशिये पर स्थित इन लक्षित समूहों के आर्थिक सशक्तीकरण/उत्थान हेतु प्रशिक्षण का प्रावधान करना और उनकी दक्षताओं को बढ़ाना आवश्यक है।
- कारीगरों की ग्रामीण श्रेणी की सहायता:
- लक्षित समूहों के कई व्यक्ति ग्रामीण कारीगरों की श्रेणी से संबंधित हैं जो बाज़ार में बेहतर तकनीकों के आने के कारण हाशिये पर चले गए हैं।
- महिलाओं का सशक्तीकरण:
- महिलाओं को उनकी समग्र घरेलू मजबूरियों के कारण मज़दूरी, रोज़गार में शामिल नहीं किया जा सकता है जिसमें आमतौर पर लंबे समय तक काम करने के घंटे और कभी-कभी दूसरे शहरों में प्रवास करना शामिल होता है, इन लक्षित समूहों के मध्य महिलाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता है।
कौशल कार्यक्रमों के प्रकार:
- अप-स्किलिंग/री स्किलिंग
- इस कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रामीण कारीगर, सफाई कर्मचारी आदि को वित्तीय एवं डिजिटल साक्षरता प्रदान की जाएगी। इसके अलावा उनको मिट्टी के बर्तन, बुनाई, बढ़ाई गिरी, घरेलू काम आदि में भी प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा।
- यह कार्यक्रम 32 से 80 घंटे का होगा।
- प्रशिक्षण की लागत सामान्य लागत मानदंडों की सीमा तक सीमित होगी।
- सभी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे लाभार्थियों को ₹2500 वेतन हानि होने के मुआवजे के तौर पर प्रदान की जाएगी।
- अल्पकालिक प्रशिक्षण (शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग)
- इस कार्यक्रम के तहत एमएसडीई द्वारा जारी राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क या राष्ट्रीय व्यावसायिक मानक के अनुसार विभिन्न नौकरियों की भूमिका होंगी।
- शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग के अंतर्गत वित्तीय और डिजिटल साक्षरता के साथ वेतन या स्वरोजगार के अवसरों के लिए प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा जैसे कि दर्जी प्रशिक्षण, फर्नीचर निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण आदि।
- यह प्रशिक्षण 200 घंटों से 600 घंटे एवं 6 महीने का होगा।
- प्रशिक्षण लागत सामान्य लागत मानदंडों की सीमा तक सीमित होगी।(गैर आवासीय प्रशिक्षण के मामले में प्रशिक्षुओं को स्टाइपेंड देने के अलावा)
- उद्यमिता विकास कार्यक्रम (एंटरप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम)
- यह कार्यक्रम अनुसूचित जाति एवं अन्य पिछड़े वर्ग के उन युवाओं के लिए होगा जिन्हें प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त किया है एवं उनकी सोच उद्यमशील है।
- इस कार्यक्रम की अवधि 80 से 90 घंटे या 10 से 15 दिन की होगी।
- प्रशिक्षण लागत सामान्य लागत मानदंडों की सीमा तक सीमित होगी।
- इस कार्यक्रम में व्यापार अफसर मार्गदर्शन, बाजार सर्वेक्षण, कार्यशील पूंजी और उसके प्रबंध आदमी जैसे सत्र शामिल होंगे।
- दीर्घकालिक कार्यक्रम (लॉन्ग टर्म कोर्स)
- इस कार्यक्रम के माध्यम से उम्मीदवारों को दीर्घकालिक प्रशिक्षण उन क्षेत्रों में प्रदान किया जाएगा जिनकी बाजार में अच्छी मांग है।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम NSQF, NCVT, AICTE, MSME etc के अनुसार उत्पादन प्रौद्योगिकी, प्लास्टिक प्रसंस्करण, परिधान प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र आदि जैसे क्षेत्रों में प्रदान किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम की अवधि 5 महीने या फिर उससे अधिक या फिर 1 वर्ष (1000 घंटे) की होगी।
- प्रशिक्षण लागत सामान्य लागत मानदंडों की सीमा तक सीमित होगी। (गैर आवासीय प्रशिक्षण के मामले में प्रशिक्षुओं को स्टाइपेंड देने के अलावा)
पीएम-दक्ष’ पोर्टल और पीएम-दक्ष’ पोर्टल एप
- पीएम-दक्ष पोर्टल और पीएम-दक्ष मोबाइल एप लॉन्च किए गए। PM-DAKSH पोर्टल का URL “pmdaksh.dosje.gov.in” है और मोबाइल ऐप “PM-DAKSH” Google Play Store पर उपलब्ध है।
- PM-DAKSH पोर्टल मुफ्त कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए ऑनलाइन पंजीकरण प्रदान करता है। इस योजना को
- (i) ऑनलाइन पंजीकरण
- (ii) नौकरी की भूमिकाओं के चयन
- (iii) प्रशिक्षण संस्थानों के चयन और
- (iv) प्रशिक्षुओं को पीएम-दक्ष पोर्टल में प्रशिक्षण का स्थान प्रदान करने की सुविधा प्रदान करते हुए प्रशिक्षु केंद्रित बनाया गया है।
पीएम दक्ष योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए पात्रता
- आवेदक भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए।
- लाभार्थी की आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- आवेदक अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जा,ति अन्य पिछड़ा वर्ग, आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग, सफाई कर्मचारी, डी अधिसूचित, धूमंतु, धूमंतू, अर्ध धुमंतु आदि से होना चाहिए।
- यदि आवेदक अन्य पिछड़े वर्ग से है तो आवेदक के परिवार की वार्षिक आय ₹300000 या फिर उससे कम होनी चाहिए।
- यदि आवेदक आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग से है तो आवेदक के परिवार की वार्षिक आय ₹100000 या फिर उससे कम होनी चाहिए।