बिहार
पहली बार बिहार में परा चिकित्सा परिषद का गठन।
चर्चा में क्यों?
1 जून, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में कर्मचारियों की प्रतिकृति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में पहली बार पारा मेडिकल काउंसिल के गठन का फैसला लिया है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य में अभी तक कई ऐसी संस्थाएं हैं, जिनमें स्वास्थ्य कर्मियों के सही डाटाबेस उपलब्ध नहीं हैं। वैसे ही मनुष्य का व्यवहार भी नहीं हो रहा है। इसी कमी को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने पारा मेडिकल काउंसिल के गठन का फैसला लिया है।
- इस परिषद में अध्यक्ष सहित 10 सदस्य होंगे। साथ ही, विभाग द्वारा पारा मेडिकल नियमावली भी तैयार की जा रही है।
- स्वास्थ्य विभाग के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार राज्य में एक्स-रेस्पेक्ट, रेडियोलॉजी लेखक, अभी डेंटल खर्च, मेडिकल लैब रेट्री खर्च, ऑफथैल्मिक लेखक, सीटी स्कैन खाते, इसी आधार, इसी आधार, डायलिसिस टेक्निशियन, मेडिकल लैबोरेटरी टेक्निकल जैयर, ऑक्यूपेशनल थेरेपी, स्पीच थेरेपी, ड्रेसर, ऑडियोलॉजी लिखित जैसे तकनीकी शिक्षा प्राप्त छात्रों के लिए कोई वैधानिक संस्था नहीं है।
- ऐसे में बिना पंजीकरण सरकार के पास यह सूचना नहीं है कि राज्य में ही किस क्षेत्र में छात्रों के पास क्या डिग्री है।
- विश्लेषण के समय ही पारा मेडिकल करने वाले छात्रों के वैध प्रमाणपत्र का विवरण भी हो जाएगा। इससे फर्जी डिग्री लेने वाले भी पकड़ में आ जाएंगे।
- सूत्रों के अनुसार नर्सिग काउंसिल व मेडिकल काउंसिल के जैसे ही पारा मेडिकल काउंसिल का गठन किया जा रहा है। विभाग में इस परिषद के गठन की तैयारी पूरी तरह से धरी रह गई है। जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी मिल जाएगी।