बिहार
बिहार राज्य वन्यप्राणी परिषद की 10वीं बैठक का आयोजन
चर्चा में क्यों?
18 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में बिहार राज्य वन्यप्राणी पर्षद की 10वीं बैठक मुख्य सचिवालय के सभागार में आयोजित की गई।
- बैठक में मुख्यमंत्री के समक्ष राज्य वन्यप्राणी पर्षद के अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक सह सदस्य सचिव प्रभात कुमार गुप्ता ने वन्यप्राणी संरक्षण संबंधी विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया।
- प्रस्तुतीकरण में बिहार राज्य वन्यप्राणी पर्षद की अगस्त 2020 में सम्पन्न हुई 9वीं बैठक की कार्यवाही संपुष्टि एवं अनुपालन के संबंध में जानकारी दी गयी।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में कैमूर वन्य प्राणी आश्रयणी, विक्रमशिला गांगेय डॉलफिन आश्रयणी, रजौली (नवादा) वन्यप्राणी आश्रयणी तथा राजगीर वन्यप्राणी आश्रयणी के अंतर्गत वन्यप्राणी क्लियरेंस संबंधी प्रस्ताव पर चर्चा की गई।
- कैमूर वन्यप्राणी आश्रयणी को टाइगर रिज़र्व बनाने संबंधी प्रस्ताव को राष्ट्रीय वन्यप्राणी परिषद को भेजने तथा जान-माल को क्षति पहुँचाने वाले घोड़परास एवं जंगली सुअर को वर्मिन घोषित किये जाने संबंधी प्रस्ताव पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की गई।
- पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री नीरज कुमार बबलू ने बताया कि सहरसा ज़िला के आरण गाँव में मोर के संरक्षण और पुनर्वास के लिये केंद्र स्थापित करने का बैठक में विशेष आग्रह किया गया।
- भागलपुर जलापूर्ति परियोजना अंतर्गत इंटेक वेल एवं अन्य संरचनाओं का स्थल परिवर्तन, वन्यप्राणी संरक्षण एवं विकास हेतु नए प्रस्ताव एवं पहल पर भी विस्तृत रूप से चर्चा की गयी।
- भागलपुर जलापूर्ति परियोजना अंतर्गत इंटेक वेल एवं अन्य संरचनाओं का स्थल परिवर्तन हेतु चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पिछले वर्ष बाढ़ के समय हमने वहाँ का जायजा लिया था। भागलपुर इंजीनियरिंग कॉलेज काफी पुराना है। बाढ़ से सुरक्षा को लेकर वहॉ प्रोटेक्शन वाल का निर्माण अति आवश्यक है। उन्होंने कहा कि घोड़परास के कारण बिहार और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में फसल को काफी क्षति पहुॅच रही है। इसके समाधान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
